कुछ हाइकु मासूम चंचल बेटियों के लिए ...
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सुन नादान
ईश्वर वरदान
बेटी संतान
**
छू लें आसमाँ
करें नाम रौशन
दें, जो हौसला
**
एक ही चाह
नापे धरा गगन
बेटी शगुन
**
नाजों से पली
चढ़ी दहेज बलि
मासूम कलि
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नाजुक कंधें
ढ़ेर जिम्मेदारियाँ
ढ़ोती बेटियाँ
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प्रवीन मलिक
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सुन नादान
ईश्वर वरदान
बेटी संतान
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छू लें आसमाँ
करें नाम रौशन
दें, जो हौसला
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एक ही चाह
नापे धरा गगन
बेटी शगुन
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नाजों से पली
चढ़ी दहेज बलि
मासूम कलि
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नाजुक कंधें
ढ़ेर जिम्मेदारियाँ
ढ़ोती बेटियाँ
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प्रवीन मलिक
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बेटी तो शगुन होती ही है ... वो शान होती है घर की ...
ReplyDeleteभावपूर्ण हाइकू हैं सभी ...
बेटी तो आँगन की चहक है !
ReplyDeleteबेटियाँ ही आँगन की चहक हैं !
ReplyDeleteसुंदर मनभावन हाइकु !!
ReplyDeleteसादर आभार मेरी रचना को बुलेटिन में शामिल करने के लिए ..
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